ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने किया शुभारंभ।
पुष्पगुच्छ और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सचिव का किया स्वागत।
ग्रामीण महिला शिल्पकारों द्वारा उत्पादित विभिन्न स्टालों का किया अवलोकन।
बिहार समेत 22 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला उद्यमियों द्वारा 130 स्टालों पर पारंपरिक हस्तशिल्प, कला और व्यंजनों का किया जा रहा प्रदर्शन।
RKTV NEWS/पटना(बिहार)18 सितंबर।आज ज्ञान भवन, पटना में बिहार सरस मेला का शुभारंभ हो गया। दस दिवसीय सरस मेला 27 सितंबर तक चलेगा।स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, कलाकृतियों व्यंजन एवं परम्परा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा सरस मेला आयोजित है। बिहार सरस मेला का विधिवत उद्घाटन सचिव, ग्रामीण विकास विभाग लोकेश कुमार सिंह ने ज्ञान भवन के मुख्य द्वार पर फीता काटकर किया। उद्घाटन पूर्व ग्रामीण विकास विभाग के सचिव का स्वागत हिमांशु शर्मा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका ने पुष्प गुच्छ देकर किया।तत्पश्चात सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने मेला परिसर में लगे विभिन्न स्टॉल का भ्रमण किया और ग्रामीण महिला शिल्पकारों द्वारा उत्पादित शिल्प, कलाकृतियाँ, उत्पादों एवं व्यंजनों का अवलोकन किया।
सचिव ने मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरवात की।आगत अतिथियों का मंच पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।
स्वागत संबोधन हिमांशु शर्मा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी , बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) ने किया। आगत अतिथि का स्वागत करते हुए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी,जीविका ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार बिहार समेत 22 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमी अपने हस्तशिल्प, कलाकृतियाँ, स्वाद, व्यंजन और परम्परा को लेकर 130 स्टॉल पर उपस्थित हैं।बिहार के सभी जिला से जीविका से सम्बद्ध स्वयं सहायता समूह से जुडी जीविका दीदियाँ भी अपने विभिन्न उत्पादों तथा देशी, शुद्ध एवं पौष्टिक व्यंजन को लेकर उपस्थित हैं।ग्रामीण शिल्प , उत्पाद, लोक कला को एक मंच पर लाकर प्रोत्साहन एवं बाज़ार उपलब्ध कराना जीविका की प्रतिवद्धता है l
अंत में लोकेश कुमार सिंह , सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने अपना उद्बोधन व्यक्त किया।सरस मेला के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की महिलाएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। ग्रामीण शिल्प और हस्तकला के सबसे बड़े बाज़ार में आकर बिहार के देश भर की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाएं लाभान्वित हो रही है l ग्रामीण विकास विभाग भी गरीबी उन्मूलन एवं गाँव-समाज के विकास के लिए जीविका के माध्यम से कई योजनायें क्रियान्वित करा रही है l
अपने संबोधन में लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि कि ग्रामीण शिल्प और उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेला एक बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि जीविका ने समाज में बड़ा बदलाव लाया है। जीविका दीदियाँ समाज के नव निर्माण में अहम् भूमिका अदा कर रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग जीविका के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं ऋण लेकर स्वरोजगार कर रही हैं और अब उनकी पहचान लखपति दीदी के तौर पर भी होने लगी है।उन्होंने कहा कि सरस मेला के माध्यम से देश भर की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाओं को हुनरमंद बनाते हुए उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। हुनरमंद शिल्पकारों को मौका और प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं के स्वावलंबन के लिए तत्पर है और हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।अंत में आगत अतिथियों को जीविका दीदियों ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी ,जीविका ने करते हुए कहा कि सरस मेला के माध्यम से ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहन एवं एक बहूद्देशीय बाज़ार उपलब्ध कराना इस आयोजन का उद्देश्य है।यहाँ आकर ग्रामीण परिवेश की महिलाएं एक कुशल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने आगत अतिथियों, स्टॉल धारकों , आगंतुकों एवं प्रेस प्रतिनिधियों को आगमन एवं प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर मंच पर राम निरंजन सिंह, निदेशक,जीविका, महुआ राय चौधरी, कार्यक्रम समन्वयक, जीविका, समीर कुमार , राज्य परियोजना प्रबंधक, जीविका एवम पवन प्रियदर्शी, परियोजना प्रबंधक, संचार भी उपस्थित रहे । मंच संचालन शोमा चक्रवर्ती ने किया।
विदित हो कि बिहार सरस मेला 18 सितंबर से शुरू होकर 27 सितंबर 2024 तक चलेगा। मेला का समय सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक निर्धारित है ,प्रवेश निःशुल्क है।