संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में रचनात्मकता में एकता प्रतियोगिताओं के राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विजेताओं को पुरस्कृत किया।इन प्रतियोगिताओं में लोरी लेखन, देशभक्ति गीत लेखन और रंगोली निर्माण शामिल थे।
इस कार्यक्रम में तीनों प्रतियोगिताओं के 70 से अधिक विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
इस पहल की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 अक्टूबर 2021 को मन की बात में की गई थी और 31 अक्टूबर 2021 से राष्ट्रीय एकता दिवस पर जनभागीदारी के लिए प्रविष्टियां खोली गई थीं।संस्कृति मंत्रालय ने कला, संस्कृति और संगीत से भरे उत्सव में रचनात्मकता में एकता प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। रचनात्मकता में एकता प्रतियोगिता का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 5 फरवरी को नई दिल्ली के नेहरू पार्क में आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में किया गया था।इस अवसर पर संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और संस्कृति मंत्रालय के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने इस प्रतियोगिता का आयोजन करके एक अदभूत कार्य किया है क्योंकि यह हमारी संस्कृति और अमूर्त विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत आज भी जीवित है क्योंकि यह किस्सागोई जैसे माध्यमों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।इस अवसर पर श्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि रचनात्मकता एकता के संदेश को आगे ले जा सकती है।31 अक्टूबर 2021 से आरंभ, रचनात्मकता में एकता प्रतियोगिताओं में 600 से अधिक जिलों से 5.6 लाख से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। देशभक्ति गीत लेखन के लिए 21 भाषाओं में और लोरी लेखन के लिए 20 विभिन्न भाषाओं में प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। हजारों रंगोली प्रविष्टियों में राष्ट्रीय महत्व के प्रतीकों के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दृश्यों और नायकों को दर्शाया गया है। विजेता देश के विभिन्न भागों से आए थे और उन्होंने अभिनंदन कार्यक्रम का आनंद लिया। राष्ट्रीय, राज्य तथा जिला स्तर पर तीन प्रतियोगिताओं के लिए कुल 4760 विजेताओं का चयन किया गया।पुरस्कार समारोह के अलावा, इस कार्यक्रम में मिजोरम और मणिपुर के संगीत बैंडों द्वारा कई शानदार सांस्कृतिक प्रदर्शन, राजस्थान के नाथू लाल सोलंकी और समूह द्वारा विशेष प्रदर्शन, साथ ही गुजरात के मनियारा डांडिया लोक नृत्य का आयोजन किया गया। तेलंगाना के लंबाड़ी और मथुरी लोकनृत्यों से भारत की विविधता की सुंदरता जीवंत हुई। लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने देशभक्ति के गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। संगीत नाटक अकादमी द्वारा रचित मेडले से श्रोता आनंदविभोर हुए जिसने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मेडले के बोल पूरे भारत से देशभक्ति गीत लेखन और लोरी लेखन प्रतियोगिता की विजेता प्रविष्टियों से लिए गए हैं। संगीत नाटक अकादमी द्वारा कोरियोग्राफ की गई नृत्य प्रस्तुति ‘नृत्यरूपा’ ने मंच पर भारत के शास्त्रीय नृत्यों को प्रदर्शित किया।इस कार्यक्रम का समापन उत्तर प्रदेश के मयूर नृत्य के साथ किया गया, जिसमें होली के रंगों के आनंद और वसंत के आगमन को दर्शाया गया।