RKTV NEWS/नयी दिल्ली,16अप्रैल।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के रायगढ़ में डॉ आप्पासाहेब धर्माधिकारी जी को वर्ष 2022 का “महाराष्ट्र भूषण” पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि बिना किसी प्रसिद्धि की आकांक्षा के सार्वजनिक जीवन में समाज सेवा करने वाले समाजसेवी आप्पासाहेब के लिए जनता के मन में अथाह मान-सम्मान और भक्ति भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसा मान-सम्मान और भक्ति भाव आप्पासाहेब की भांति केवल त्याग,समर्पण और सेवा से ही प्राप्त किया जा सकता है। आप्पासाहेब के लिए लोगों का प्यार, भरोसा और सम्मान उनके द्वारा किए गये कार्यों, उनके संस्कारों और नानासाहेब की सीख का सम्मान है। श्री शाह ने कहा कि आप्पासाहेब की ही भांति भीड़ का अनुसरण न कर ऐसे कार्य करने चाहिए कि भीड़ आपका अनुसरण करे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इतिहास में कम ही देखने को मिलता है कि एक ही परिवार में तीन पीढ़ियों समाज सेवा का संस्कार का भाव रहे । पहले नानासाहेब, फिर आप्पासाहेब और अब सचिन भाऊ और उनके भाई समाज सेवा के इस संस्कार को आगे बढ़ा रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने आप्पासाहेब को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देकर न केवल उनका सम्मान किया है बल्कि करोड़ों लोगों को उनकी तरह जीने की प्रेरणा देने का काम भी किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र के रायगढ़ की यह भूमि महान छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्य भूमि है। इस भूमि ने देश में तीन धाराओं का बहाव अविरल जारी रखा है। पहली- राष्ट्र के लिए मर मिटने की वीरता की धारा जिसकी शुरुआत वीर छत्रपति शिवाजी महाराज ने की। देश भर में महाराष्ट्र की भूमि से उठकर महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर, वासुदेव बलवंत फड़के, चापेकर बंधू और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसी महान विभूतियों ने स्वराज और सम्मान के लिए अपना जीवन न्योछावर किया। दूसरी – भक्ति की धारा जिसमें भक्ति क्षेत्र में सन्त समर्थ रामदास और सन्त तुकाराम से लेकर सन्त नामदेव तक महान सन्तों ने हमेशा इस देश को राह दिखाने का काम किया है। तीसरी- सामाजिक चेतना की धारा जो कि महाराष्ट्र से ही शुरू हुई। समाजसुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे अनेक सामाजिक आंदोलन के जनक महाराष्ट्र की महान भूमि की देन हैं । इसी क्रम में नानासाहेब और आप्पासाहेब ने इस सामाजिक चेतना को जगाने का और आगे बढ़ाने का भागीरथ कार्य किया है।