RKTV NEWS/नई दिल्ली 15 जुलाई।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि साक्ष्य आधारित जानकारी के माध्यम से विभिन्न खाद्य सुरक्षा विषयों पर उपभोक्ताओं और नागरिकों को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि तभी हमारा काम समग्रता में पूरा होगा। जगत प्रकाश नड्डा आज भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) मुख्यालय में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने नागरिकों के कल्याण में खाद्य सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, इसके महत्व पर प्रकाश डाला और एफएसएसएआई से उपभोक्ताओं, उद्योग और हितधारकों को न केवल नियामक मुद्दों पर बल्कि स्वस्थ खान-पान की आदतों को विकसित करने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर भी संवेदनशील बनाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि नियामक विषय एफएसएसएआई का एक महत्वपूर्ण दायित्व हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर उपभोक्ताओं के साथ संवाद और संवेदनशीलता के साथ ही पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा, “भारत जैसे बड़े देश में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग आहार संबंधी आदतें और प्राथमिकताएं हैं। आइए हम उनके व्यवहारों के बारे में अपनी समझ को व्यापक बनाएं। इससे हमें इन विविधताओं के अनुरूप अपनी नीतियां बनाने में सहायता मिलेगी।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एफएसएसएआई के सीईओ जी कमला वर्धन राव ने एफएसएसएआई द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी। श्री नड्डा ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2016 में एफएसएसएआई की मेरी पिछली यात्रा के बाद से मैंने देखा है कि एफएसएसएआई ने सभी पहलुओं में एक बड़ी प्रगति की है। उन्होंने इस समग्र विकास और खाद्य सुरक्षा इको-सिस्टम को मजबूत बनाने, व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने तथा सभी हितधारकों को संवेदनशील बनाने में उल्लेखनीय प्रगति दिखाने के लिए एफएसएसएआई को बधाई दी। जे पी नड्डा ने मोटे अनाज और कोडेक्स मानकों जैसे क्षेत्रों में एफएसएसएआई के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने स्ट्रीट वेंडरों को प्रशिक्षित और सुसज्जित करने की उनकी पहल की सराहना की और इस बात पर बल दिया कि उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है। “खाद्य सुरक्षा का मुद्दा एफएसएसएआई पर एक बड़ा दायित्व है। आइए हम इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनें”। उन्होंने मोटे अनाज, जिसे श्री-अन्न के रूप में भी जाना जाता है, के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए भी उनकी सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक मानकों को विकसित करने, एक मजबूत परीक्षण अवसंरचना की स्थापना करने और ईट राइट इंडिया अभियान जैसी पहल शुरू करने में एफएसएसएआई के योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उभरते खाद्य सुरक्षा रुझानों पर ध्यान देने, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर उद्योग और हितधारकों के साथ सक्रिय संवाद की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने एफएसएसएआई से आग्रह किया, “आइए हम सक्रिय नेतृत्व करें और उद्योग और हितधारकों के साथ संवाद करें तथा उन्हें हमारे स्वस्थ भोजन पहल और प्रयासों में अपना भागीदार बनाएं।”
श्री नड्डा ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी राज्य अखिल भारतीय मानकों के एक मंच पर आ जाएं, उनकी शक्ति, सीमाओं और चुनौतियों का आकलन करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें उनके व्यक्तिगत विषयों को समझना चाहिए ताकि हम उनका समर्थन कर सकें और उनके प्रयासों को मजबूत कर सकें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एफएसएसएआई परिसर में एक आम का पौधा भी लगाया।
इस कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण पहल की गई।
इसमें मैनुअल ऑन मैथड्स ऑफ एनालिसिस- माइक्रोबायोलॉजिकल एक्जामिनेशन ऑफ फूड एंड वाटर का विमोचन शामिल है, जो माइक्रोबायोलॉजिकल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा “गाइड फॉर फूड एनालिसिस- ओपिनियन ऑन टेस्ट रिपोर्ट्स ऐज पर एफएसएसएआई एक्ट-2006 रूल्स एंड रेगुलेशंस मेड देयरअंडर” भी लॉन्च की गई। खाद्य सुरक्षा प्रथाओं के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स की विशेषता वाले आकर्षक वीडियो की एक श्रृंखला ‘फूड सेफ्टी बाइट्स’ लॉन्च की गई। इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में अधिकारियों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किए गए ‘मैनुअल फॉर फूड सेफ्टी ऑफिसर्स” का भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अनावरण किया गया।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय और एफएसएसएआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों के 1000 से अधिक अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।