धृतराष्ट्र बने बैठे है नीतीश,जंगल राज के युवराज को उत्तराधिकारी घोषित करना चिंतनीय- मीना सिंह।
RKTV NEWS/पटना(अनिल सिंह) जदयू से सांसद रही और संगठन की शाहाबाद की मजबूत कड़ी के रूप में प्रसिद्ध मीना सिंह की जदयू छोड़ने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राजनीतिक महकमे में खलबली मच गई। जिसकी आधिकारिक पुष्टि पूर्व सांसद मीना सिंह ने पटना के मौर्या होटल में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर दी।पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की सच ये है कि नीतीश कुमार जी से मैं कभी जुदा नहीं होना चाहती थी, लेकिन जिस तरीके से जंगल राज के युवराज को उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में घोषणा कर दी है, बिहार की जनता डर गई है, आम – अवाम को पुराने दौर की वापसी दिख रही है, ऐसे में जेडीयू के साथ मेरा रहना अब मुमकिन नहीं ,मेरे पति स्वर्गीय अजीत कुमार सिंह जी कांग्रेस में थे । लेकिन बिहार को जंगल राज से मुक्त कराने की लड़ाई में वे नीतीश कुमार जी के साथ आए । फिर बिहार को आतंक राज से मुक्ति मिली थी पति की असामयिक मृत्यु एक सड़क दुर्घटना में हो जाने के कारण । आगे, नीतीश कुमार जी ने बिहार की जनता की सेवा करने का मौका मुझे दिया मैंने पूरी निष्ठा के साथ जेडीयू की हर लड़ाई में अपनी सहभागिता निभाई ।
मैं 2014 में भी नीतीश कुमार के साथ रही, जबकि बहुत सारे लोग उनका साथ छोड़ कर चले गए फिर भी नितीश जी को आगे के किसी चुनाव में उन्हें मेरी याद भले न आई हो, लेकिन जेडीयू को हमने कभी नहीं भुलाया । 2015 में भी बिहार में महागठबंधन बना था, लेकिन तब आम – अवाम को इसलिए चिंता नहीं हुई थी, क्योंकि पूरी मजबूती से नेतृत्व नीतीश कुमार जी के पास ही था । जब भ्रष्टाचार के छींटे सहयोगी दल के नेता पर पड़े थे, तो बिना देर किए नीतीश कुमार जी ने नाता तोड़ लिया था । लेकिन आज की स्थिति दूसरी और बहुत ही भयावह है । जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, पूरे बिहार में अपराधी तांडव कर रहे हैं । हर प्रकार के अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसा लग रहा है कि 2005 के पूर्व की तरह खास लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने से रोक दिया गया है । जनता परेशान है, जंगल राज की वापसी साफ – साफ दिखाई पड़ रही है,लेकिन नीतीश कुमार जी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है वो इस समय धृतराष्ट्र की भूमिका अदा कर रहे है। मेरे साथ – साथ पूरे बिहार के लिए सबसे दुखद पल तो वो रहा, जब नीतीश कुमार जी ने तेजस्वी यादव जी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया । इसके बाद तो मैं विचलित हो गई । मेरे लोग कहने लगे, अब जेडीयू में क्या बचा है । मुझे लगता है, नीतीश कुमार जी ने जेडीयू के साथियों के सम्पूर्ण संघर्ष को भूला दिया है, और पार्टी को विलोपित करने का ही फैसला कर लिया है, वरना जंगल राज के युवराज को वे उत्तराधिकारी कभी नहीं घोषित करते ।अपने आगे की राजनीति रणनीति पर उन्होंने कहा की वो इसके लिए अपने समर्थकों के साथ बैठक कर विचार करने के बाद बिहारहित में जो उचित होगा, उसी रास्ते चलूंगी । बिहार की बेहतरी के लिए जो कदम उठाने की जरुरत होगी, मैं करुंगी । पूर्व सांसद के साथ साथ इस्तीफा देने वालो में समता पार्टी के निर्माण काल से पार्टी के सदस्य व प्रदेश सचिव, भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा जी, शाहपुर के प्रखंड अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय, बिहियां के प्रखंड अध्यक्ष श्रीराम महतो,उदवंतनगर के प्रखंड अध्यक्ष मुकुल कुमार सिंह,संदेश के प्रखंड अध्यक्ष श्री विपिन विश्वास,जेडीयू भोजपुर के वरिष्ठ नेता व गड़हनी के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अवधेश पांडेय,पूर्व जिला महासचिव शिवशंकर सिंह,सुरक्षा सेवा प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल सिंह ,पंचायती राज प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रंजन कुमार सिंह, युवा जेडीयू के प्रदेश सचिव – सह आरा नगर प्रभारी राकेश पाठक,सहित समेत बड़ी संख्या में नेतागण भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया ।पूर्व सांसद ने कहा की उनके इस निर्णय के बाद उनके साथ चलने को तैयार बहुत सारे लोग हैं, जो आने वाले दिनों में इस्तीफा देंगे ।सभी को होली की शुभकामनाए देते हुए उन्होंने प्रेस वार्ता समाप्त की।