आरा/भोजपुर (डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा) 15अप्रैल। रक्तदान महादान, यह तो सभी जानते लेकिन आवश्यकता पर रक्तदान नहीं करते ,ये बातें एक 42 वर्षीय युवा,मील रोड,डीएवी गेट पर,चाय पत्ती बेचकर भरण पोषण करनेवाले प्रदीप कुमार की है।
उन्होंने बताया कि जब किसी को रक्त के लिए भटकते हैं परेशान देखता हूं ,मुझे अपनी मां की घटना याद आती है और तुरंत रक्तदान के लिए तैयार हो जाता हूं।अब तक बीस बार दूसरों के लिए रक्त दे चुका हूं। रक्तदान के बाद भी मैं अपनी मां को नहीं बचा सका। प्रयास है कि रक्त के अभाव में कोई मेरे जैसा अनाथ नहीं हो। रक्त की जरूरत के लिए भीमराव अंबेडकर की जयंती 14अप्रैल पर रक्तदान शिविर लगाने के लिए मैं स्वयं रेडक्रॉस जाकर सचिव से मिलकर अनुरोध किया। कई लोगों से संपर्क किया जिसमें 10 लोग रक्तदान के लिए तैयार हुए लेकिन 6 लोग रक्तदान किए और चार लोग मेडिकली अनफिट हो गये। रेड क्रॉस की सभी साधनों से युक्त रक्तदान हेतु बस आई और रक्तदान का कार्य पूरा हुआ।सतुआन और गंगा-स्नान के कारण ज्यादा रक्तदान नहीं हो सका।
रक्तदान करने वालों में प्रदीप कुमार ,संदीप कुमार, सुनील कुमार गुप्ता, अभिषेक गौतम, अनिल कुमार और राज कुमार रहे।
रक्तदान शिविर लगाने वाले बहुत से लोग और संगठन भी लेकिन ऐसे निस्वार्थ भाव से सेवा देने वाले लोग कम होते हैं। जिन्हें न नाम की जरूरत हैं न प्रचार की। रेडक्रॉस सोसायटी की सचिव डॉ विभा कुमारी, ब्लड डोनेशन कमेटी के कन्वीनर डॉ दिनेश प्रसाद सिंह ने इन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे लोग से समाज को, संगठन को, समाजसेवी और राष्ट्रभक्त कहने वाले लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।