सरकार और निकायों के नियमों के विरुद्ध आरा नगर निगम में हो रहा कचड़े का निष्पादन।मनुष्यों और पर्यावरण के लिए है खतरनाक: डॉ जितेंद्र शुक्ला।
RKTV NEWS/अनिल सिंह,06अप्रैल।कल भोजपुर जिले के सिन्हा सरैया रोड स्थित एक पोल्ट्री फार्म में आग लगने की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए पूर्व नगर निगम पार्षद सह समाज सेवी डॉ जीतेंद्र शुक्ला ने सीधा नगर निगम आरा व जिला प्रशासन को इसका दोषी ठहराया है। डॉ शुक्ला ने नगर निकायों के कचड़ा निष्पादन प्रक्रिया की जानकारी देते हुये बताया की नगर निकायों के द्वारा यह प्रावधान है की निकायों में सफाई कार्य विभागीय हो या निविदा पर कचड़े को कभी आग नही लगाया जा सकता है क्योंकि उससे पर्यावरण दूषित होता है साथ ही आगजनी की घटनाएं घट सकती है।इस संबंध में और जानकारी साझा करते हुए बताया की कचड़े निष्पादन के निकायों के नियमानुसार कचड़ों को इक्कठा कर सरकार द्वारा चिन्हित स्थापित डंपिंग यार्ड में सर्वप्रथम गीले कचड़े(अनाज,फल,सब्जी,इत्यादि ) को अलग कर उससे जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया है वही दूसरी ओर सूखे कचड़ो (शीशा,प्लास्टिक, टीना,लोहा इत्यादि)का अलगाव कर नियमानुकुल उसकी बिक्री करा राजस्व की प्राप्ति करना है।लेकिन कल की घटी घटना ने नगर निगम ,आरा की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा किया है।उन्होंने इस बात पर रोष जाहिर करते हुए कहा की आये दिन नगर निकायों के कचडों को ग्रामीण पंचायती क्षेत्र में फेंका जा रहा इसका उदाहरण बामपाली, डुमरा, सनदिया जैसी जगहों पर खुले में फेके जा रहे कचड़ों और उसमे लगाये गये आग से उठने वाले धुंध के रूप में देखा जा सकता है जो पर्यावरण और सरकार तथा निकायों के नियमो की धज्जियां उड़ाता दिख रहा है।जिस कारण आस पास निवास करने वाली जनता को मुफ्त में ही रोगों की सौगात मिल रही है साथ ही धुंध के कारण यातायात दुर्घटनाओं को न्योता। उन्होंने आरा नगर निगम के सम्मानित सदस्यों और अधिकारियों से प्रश्न पूछा है की आखिर क्यों अभी तक आरा नगर निगम में कचड़े निष्पादन हेतु डंपिंग यार्ड और जैविक खाद्य की निर्माण प्रक्रिया लंबित है?आखिर इसका कारण क्या है ये विभागीय लचरता है या भ्रष्टाचार का कोई रूप? साथ ही उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन और निगम से आग्रह किया है की इस संबंध में जांच करते हुए नियमों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई जनहित में की जाय।