आरा/भोजपुर (डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा)16 नवंबर। शुक्रवार को प्रसिद्ध संगीत वाग्येकार, स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मुखिया पंडित दूधेश्वर लाल की पुण्यतिथि पर भोजपुर के सहार क्षेत्र स्थित मड़नपुर गाँव में संगीत समारोह आयोजित हुआ । अवसर था पंडित दूधेश्वर लाल जी की पुण्य तिथि का । समारोह का उद्घाटन डॉ श्रीनिवास उपाध्याय ने दीप प्रज्जवलित कर किया । इस अवसर पर उपाध्याय जी ने कहा कि समाज और संगीत के विकास में दूधेश्वर लाल जी का योगदान अद्वितीय है ।संगीत में गायन की बंदिशों की रचना से लेकर, गाँव में पंचायत भवन व मिडिल स्कूल का निर्माण, स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान व अन्य कार्यो के कई आयाम दूधेश्वर जी के सामाजिक जीवन की उपलब्धि है। कार्यक्रम में पंडित शिवनंदन प्रसाद श्रीवास्तव ने स्वतंत्रत तबला वादन में बनारस का उठान, तबले में अवचार, आलाप, जोड़, झाला व गत- फर्द सुनाकर दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया । इस कार्यक्रम में श्रेया पांडेय ने राग विहाग में झपताल में विलंबित ख्याल व तीनताल में द्रुत ख्याल बहिया धरी चूड़ियाँ फोडी गगरी गिराई व एकताल में रोको ना डगर मोहे जाने दो घरवा प्रस्तुत कर समां बाँधा । गणेश प्रसाद श्रीवास्तव ने गज़ल हो सके तो ये हमको सजा दीजिये, महेश यादव ने राग पुरिया कल्याण बहुत दिन बीते अजहुँ ना आये श्याम, ठुमरी देखे बिना नाही चैन सुरतिया, दादरा काहे को झूठी बनाई बतिया, निजामुद्दीन खां ने राग दरबारी कान्हड़ा घर जाने दे छाड़ मोरी बहिया, ठुमरी याद पिया की आये ये दुख सहा ना जाए प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी । वही कथक नर्तक अमित कुमार ने श्री राम स्तुति, तीनताल में उपज, ठाट, आमद, परण व गतभाव की नयनाभिराम प्रस्तुति की । कलार्नेट पर मोहम्मद जबार व तबले पर संगत गुरु बक्शी विकास ने किया । मंच संचालन अभय तूफानी व धन्यवाद ज्ञापन कृष्णनंदन प्रसाद श्रीवास्तव ने किया।