पिड़िया को लोक कला के रूप में स्थापित करने में निरंतर प्रयासरत है विनीता।कई अकादमियों के द्वारा मिल चुका है सम्मान।
RKTV NEWS/नयी दिल्ली (रवि शंकर सिंह)16 मार्च। विमला आर्ट फोरम , हरियाणा द्वारा अर्पणा आर्ट गैलरी नईं दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 11 मार्च से 15 मार्च 2023 तक देश के 35 महिला कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी की गयी । प्रदर्शनी के क्यूरेटर दृष्टि गुप्ता । फोरम के अध्यक्ष दिलिप कुमार शर्मा तथा ट्रस्टी कंचन मेहरा हैं । प्रदर्शनी में आरा बिहार की रहने वाली विनिता कुमारी की कलाकृति पिड़िया लेखन चर्चा का विषय और आकर्षण का केंद्र रही।
पिड़िया लेखन बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों की पारंपरिक लोक कला है जिसका चित्रण महिलाएं अगहन महीने शुक्ल पक्ष द्वितीया को पिड़िया पर्व के दौरान करती हैं । आज हमारे क्षेत्र में यह कला विलुप्त होती जा रही है । स्वतंत्र रूप से कला के क्षेत्र में महिलाएं कार्य नहीं कर रही हैं । ऐसे में रोहतास जिले के जगदीशपुर , दिनारा गांव में जन्मी विनिता कुमारी विगत 4 वर्षों से पेपर – कैनवस पर एक्रेलिक रंग से निरंतर पिड़िया का चित्रण कर रही हैं और पिड़िया को लोक कला के रूप में स्थापित करने में लगी हुई हैं ।
विनिता ने हाल ही में राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय नई दिल्ली के दीवार पर स्थायी रुप से बड़ा सा पिड़िया लेखन किया है । जो काफी महत्वपूर्ण है । इनकी पिड़िया – कृतियों की प्रदर्शनी संगीत नाटक अकादमी , नई दिल्ली , हंसराज कॉलेज नई दिल्ली , शिल्प संग्रहालय नई दिल्ली के साथ ही राजगीर , बिहार में हो चुकी है । इन्हें भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं मैथली भोजपुरी अकादमी नई दिल्ली के साथ ही जंगल किलोल संस्था द्वारा सम्मानित किया जा चुका है ।