आरा/भोजपुर,( डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा) 11अप्रैल।विश्व होमियोपैथी दिवस के अवसर पर आरा शहर के प्रसिद्ध 97 वर्षीय *होम्योपैथिक चिकित्सक डा. योगेन्द्र प्रसाद* को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर उत्कृष्ट सेवाकार्य हेतु लाईफ टाइम अचीवमेंट हैनिमैन अवार्ड 2022-23 का प्रशस्ति पत्र *समाजसेवी एवं भाजपा नेता अमरदीप कुमार जय उर्फ अमरदीप कुशवाहा* के द्वारा प्रदान किया गया साथ ही डा. साहब के दीर्घायु एवं स्वस्थ्य जीवन की मंगल कामना की गई।इस सम्मान की अमरदीप कुमार जय ने विज्ञप्ति के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।आरा शहर में रहकर सामाजिक कार्य करने वाले उपस्थित बुद्धिजीवी समाजसेवियों ने डा.साहब को माला पहनाकर तथा अंगवस्त्र के रूप में आरण्य देवी माता की चुनरी ओढ़ाकर गुलाब का फूल सप्रेंम भेंट किया।सभी उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा शुभकामना व्यक्त की गयी जिसमें महिलाएं एवं स्कूली बच्चे शामिल रहे l
भोजपुर मदर एनजीओ “जय किशुन शिक्षा जागरण अकादमी युवा मंडल एवं टीम मदर टेरेसा सेवाकर्मी ” भोजपुर के द्वारा योगेन्द्र होमियो फार्मेसी नवादा चौक आरा के सभागार में होमियोपैथी के जनक संस्थापक डा. क्रिश्चियन फ्रे्डरिक सैमुअल हैनिमैन की 268वीं जयंती भी मनायी गई जिसकी *अध्यक्षता अधिवक्ता देवेन्द्र पदयात्री* ने और *संचालन अमरदीप कुमार जय* ने तथा *धन्यवाद ज्ञापन शकीला हुसैन व अक्षय कुमार ने संयुक्त रूप से किया l*
इस अवसर पर पुराने शाहाबाद सहित वर्तमान आरा के नागरिकों के लिए *डा.योगेन्द्र प्रसाद पंडित ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा* कि मुझे प्यार और सम्मान देने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं और आभारी रहूंगा जिसका कर्ज मुझ पर हमेशा बना रहेगा। डा.साहब ने समाज में सभी को मिल जुल कर रहने और सौहार्द कायम रखने तथा गरीबों की मदद की आवश्यकता पर बल दिया।
आगे *समाजसेवी आनंद मोहन सिन्हा* ने कहा की होमियोपैथ के जनक डा.हैनीमैन ने लक्षण के आधार पर मनुष्य के रोगों का उपचार करना शुरू किया जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, होमियोपैथी पद्धति से असाध्य रोगों का ईलाज रोग को जड़ से खत्म करने में किया जाता है जिसका प्रयोग खुद डा. हैनीमैन ने अपने ऊपर किया था l
आगे के सम्बोधन में *विमला गर्ल्स हॉस्टल/पीजी, पीरबाबा आरा के संस्थापक अक्षय कुमार* ने कहा की डा.साहब बहुत ही नेकदिल व मिलनसार इंसान हैं, क्लिनिक पर पैसा नहीं रहने पर भी जरूरतमंद असहाय गरीब मरीजों को बिना दवा दिलवाये खाली हाथ नहीं जाने देते हैं किसी को दुबारा आकर और दवा ले जाने की बात कहकर भेजते हैं। छात्र-छात्राओं और बुजुर्ग महिला-पुरूष मरीजों के साथ भी हमेशा डा.साहब का व्यवहार मिलनसार एवं खुशनुमा रहता है।
आगे *अध्यक्षीय सम्बोधन में डा.साहब के विशाल जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए *पदयात्री देवेन्द्र* ने कहा की डा.साहब बेबस गरीब लाचार लोगों को निःशुल्क रूप से दवा एवं परामर्श पूरे जीवनकाल देते रहते हैं, इस उम्र में आज भी डा. साहब का सेवाभाव बेजोड़ है साथ ही तन मन धन और पूरी निष्ठा, लगन और उत्साह से मरीजों का उपचार करते हैं। मरीज एवं मरीज के परिजनों के साथ डा.साहब का तालमेल भी जरूर रहता है जो इनके अन्दर है बहुत तो इन यादों को संजो कर रखने हेतु जिला प्रशासन एवं सरकार तक अपनी बात जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पहल कर पहुंचाने हेतु इस बात की मांग किए कि नवादा चौक आरा का नाम बदल कर डा.योगेन्द्र पंडित चौक नवादा रखा जाये एवं बोला जाये।
*संचालन करते हुये आयोजन सचिव सह समाजसेवी संस्थापक महासचिव अमरदीप कुमार जय* ने कहा की आज पूरी दुनिया के लोग होमियोपैथी दवाओ पर भरोसा करके अपनी सेहत संबंधी समस्या का उपचार करवा रहे है इसमें सर्जरी का उपयोग नही होता है l संक्रमण का असर, सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी में भी अंग्रेजी दवाओ के सामान ही मीठी गोली असरदार होती है जो तत्काल असर दिखाकर मरीज को राहत देती है बिना साईड इफेक्ट के जो की लोगो में एक भ्रम है की होम्योपैथी दवाये जल्द अपना असर नही दिखाती है जो की पूरी तरह से गलत है। आगे श्री जय ने लोगो को बताया की होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से एलोपैथिक की तुलना में कम खर्च में ही कई असाध्य बीमारियो का निदान है एवं उपचार है जटिल से जटिल खानदानी रोगो की दवा उपलब्ध है जिसको लेकर केन्द्र की वर्तमान मोदी सरकार भी बड़े स्तर पर पूरे देश भर में विश्व होमियोपैथी दिवस का आयोजन एवं सम्मेलन कर रही है जिसका शीर्षक थीम होमियो परिवार , “सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य एक परिवार” रखा गया है l
इस अवसर पर अक्षय कुमार, पदयात्री देवेन्द्र, शकीला हुसेन, रशीदा, साहीबा, अालिया, शंभूनाथ प्रसाद कुशवाहा, जितेंद्र कुमार सिंह, अनिल ठाकुर, वासुदेव प्रसाद, मुकेश कुमार सिन्हा, आनन्द मोहन सिन्हा, अमरदीप कुमार जय उर्फ अमरदीप कुशवाहा सहित अन्य रचनात्मक सामाजिक कार्य करनेवाले कार्यकर्ताओ ने अपना अपना विचार रखकर डा. साहब को दीर्घायु स्वस्थ्य रहने की मंगल कामना कर फिर अगले वर्ष मिलने का वादा किये।