RKTV NEWS/नालंदा (बिहार)26 नवंबर।नव नालंदा महाविहार के हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ को प्रतिष्ठित साहित्य आजतक के कार्यक्रम में दिल्ली आमंत्रित किया गया , जहां उन्होंने ”क्या गुम हो जायेगी हिन्दी?” विषयक परिचर्चा में भाग लिया। इसमें उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी स्मृति की भाषा है। इस तरह वह हमारी अभिव्यक्ति व व्यवहार की भाषा है। आज दृश्य श्रव्य माध्यमों, फिल्मों, सोशल मीडिया में सर्वाधिक प्रचलित है। प्रो. दास ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि उसे शासन व समाज द्वारा और भी बढ़ावा दिया जाय। उच्च स्तर की पढ़ाई के माध्यम के रूप में उसे लाया जाय तथा ज्ञान की भाषा, यथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी,प्रबंधन, विधि, चिकित्सा आदि का आधार बनाया जाय तथा दफ्तर , व्यापार आदि की भाषा भी बनाया जाय। वह स्वाभिमान के साथ जीवन की विविध व्यवहारों की वास्तविक भाषा बन जाय। ज्ञातव्य है कि ‘साहित्य आजतक’ में देश विदेश के प्रख्यात विद्वानों, साहित्यकारों, संगीतकारों, कलाकारों आदि ने भाग लिया।