पटना/बिहार(,खबर रविशेखर प्रकाश)29 मार्च।दो अप्रैल को अमित शाह सासाराम (बिहार )आ रहे है ।जिसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की निगरानी में मंच निर्माण की तैयारी चल रही है। 2300 साल पहले सम्राट अशोक ने रोहतास के चंदन पहाड़ी पर एक लघु शिलालेख स्थापित किया जिसका उद्देश्य “धम्म प्रचार के 256 दिन (बौद्ध धर्म)पुरे होने पर एक संदेश है।जो ब्राह्मी लिपि में है।गृहमंत्री इसी शिलालेख को देखने आ रहे है।कुशवाहा समाज अपने को चक्रवर्ती सम्राट अशोक के वंशज मानते है ।बिहार मे कुशवाहा समाज 12 प्रतिशत है।बिहार लोक सभा के 40 सीटो मे से 20 सीटो पर कुशवाहा समाज का दबदबा है ।अपने पुरखो के सम्पती का अतिक्रमण होते देख समाज ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।कुशवाहा समाज से आने वाले भाजपा बिधायक दल के नेता सम्राट चौधरी ने समाज के सैकड़ों लोगो के साथ चंदन पहाड़ी पर धरना प्रदर्शन भी किया था और सरकार को चेतावनी भी दिया की सरकार मुसलिमो से तुस्टीकरण निति को छोड़े और पुरखो के ऐतिहासिक विरासत को अतिक्रमण से मुक्त करवाये लेकिन सरकार कुम्भकर्ण की नींद सोती रही और चंदन पहाड़ी पर भवन बनाके गेट में ताला मार दिया भारत सरकार ने पुरातत्व विभाग को सुरक्षित और संरक्षित करने का आदेश दिया था लेकिन बिहार सरकार की तरफ़ से भी इस मसले पर कुछ निर्णय नही लिया गया। प्रोफेसर ,इतिहासकार और वैज्ञानिक ड़ा राजेन्द्र प्रसाद ने बताया की पुरे देश में अशोक के ऐसेआठ शिलालेख है,जिनमें बिहार में केवल एक ही है। सभी इतिहास के कई पुस्तकों में अशोक के द्वारा लगाये गये इस शिलालेख का जिक्र है ।
इसी बहाने अमितशाह 2024 के चुनावी रणनीति के तहत कुशवाहा वोट को भाजपा के पाले में करना चाहते है।जो वोट अभी लव -कुश समीकरण के अंतर्गत माहागठ बन्धन का मजबूत आधार है।