आरा/भोजपुर (डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा)31 अगस्त। शुक्रवार को बक्शी कुलदीप नारायण कल्चरल सोसाईटी द्वारा आयोजित111वां श्री कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह की पांचवी निशा का उद्घाटन महंत छठी रामदास ने दीप प्रज्जवलीत कर किया। इस अवसर महंत जी ने कहा कि एक शताब्दी से किसी परंपरा का कायम रहना बहुत बड़ी उपलब्धि है । कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर छः दिनों तक गंगा के समान प्रवाहित होती है सुरों की ररसधार। इस आयोजन में शुद्ध संगीत आरा के वातावरण को पवित्र करता है । पांचवी संध्या में युवा शास्त्रीय गायिका अजीत पांडेय ने ने राग जयजवंती में एकताल विलंबित की बंदिश ” बाजत बधाई गोकुला के धाम ” एकताल की बंदिश ” ढीठ लंगर मानत नाही एकहु मोरी” व ठुमरी ” कैसो बजावत श्याम बसुरिया ” प्रस्तुत कर दर्शकों को समा बाँधा । वही युवा कथक नृत्यांगना तन्नु कुमारी व खुशबू कुमारी ने युगल कथक में सर्वप्रथम “श्री राम चंद्र कृपाल भजुमन हरण भव भय दारुणम” प्रस्तुत किया तत्पश्चात तीनताल में उपज, ठाट, आमद परन व विभिन्न बंदिशों को प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । । वही सिद्धि, सोनी व सानवी ने नयनाभिराम नृत्य प्रस्तुत किया । हरमोनियम पर निमेश राज व तबले पर सूरज कांत पांडेय ने संगत से रंग भरा । मंच संचालन स्नेहा पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन गुरु बक्शी विकास ने किया ।