प्रेमचंद का साहित्य पाठकों को भारतीय समाज की यथार्थ स्थिति से कराता है अवगत: सुशील कुमार
प्रेमचंद का समग्र जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा दायक है: ज्ञानेंद्र गुंजन सिन्हा
RKTV NEWS/आरा ( भोजपुर)31 जुलाई। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती जन संस्कृति मंच, भोजपुर जिला ईकाई,आरा, अंत्योदय चेतना मंडल,आरा एवं सर्वोदय मंडल आरा के संयुक्त तत्वावधान में डीपीएस इंटरनेशनल स्कूल, मौलाबाग, आरा के प्रांगण में शानदार ढंग से मनायी गई।इस अवसर पर स्कूल के सैकड़ो छात्र छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही।सभी ने मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।जन संस्कृति मंच के बिहार राज्य अध्यक्ष, जितेन्द्र कुमार ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद प्रगतिशील राष्ट्रीय चेतना एवं साम्प्रदायिक सद्भाव के उन्नायक थे। उन्होंने किसानों के शोषण एवं दोहन के खिलाफ ‘सवा सेर गेहूं ‘जैसी कहानी एवं ‘गोदान’जैसे उपन्यास लिखे।वे ‘हंस’जैसी साहित्यिक पत्रिका एवं ‘जागरण’जैसी साप्ताहिक अखबार के संस्थापक संपादक थे। उन्होंने अपने संपादकीय लेखों द्वारा भारत की आजादी के पक्ष में लगातार लेखन किया।वे साम्प्रदायिक भेदभाव के कटु आलोचक एवं विरोधी थे। इस अवसर पर छात्र संघर्ष वाहिनी के सचिव सुशील कुमार ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद आदर्शोन्मुखी यथार्थवाद पुरस्कर्ता थे। उनके साहित्य द्वारा पाठक तत्कालीन भारतीय समाज की यथार्थ स्थिति को बखूबी समझ सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र गुंजन सिन्हा ने कहा कि प्रेमचंद का समग्र जीवन स्कूली छात्रों छात्राओं के लिए प्रेरणादायक है। विद्यार्थियों को प्रतिदिन अपनी डायरी लिखनी चाहिए और विद्यालय स्तर पर अपनी पत्रिका निकालनी चाहिए।इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण राय,एवं सर्वोदय मंडल के चंद्रभूषण कुमार सहित स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।मंच संचालन अंत्योदय चेतना मंडल के सचिव रामनाथ ठाकुर ने किया। स्कूल के निदेशक अंकुर वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।