RKTV NEWS/(रवि शेखर प्रकाश) बिहार के पूर्णिया में लोक सभा चुनाव का शंखनाद हो गया ।पूर्णिया की महारैली ने देश को एक संदेश दिया की जब -जब बिहार लड़ा है केंद्र की सत्ता बदली है।ये बात बिल्कुल सही है । बिहार राजनीति क्रांती की जननी है। प .चंपारण से महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के खिलाफ अपनी राजनीतिक आन्दोलन की शुरुआत की थी ।
1974 का छात्र आन्दोलन जिसका नेतृत्व जय प्रकाश नारायण ने किया था ।एक बार फिर से बिहार में 74 के
आन्दोलन की तरह ही राजनीतिक पृष्ठ भूमि तैयार की जा रही है।तेजस्वी यादव ने दिल्ली में चढ़ाई करने की घोषणा भी कर दी है।
2019 में जेडीयू जब बीजेपी के साथ थी तो (40) में से 39 सीटो पर एनडीए को जीत मिली थी ।बीजेपी का 17%और जेडीयू का 22%वोट प्रतिशत थी ।अब परिस्थिति बदल गई ।जेडीयू राजद के साथ खड़ा है।राजद को 15 %वोट आए थी ।अबकी महा गठबंधन में सात दल है।जो मजबूती के साथ खडे है।
इधर बीजेपी भी अपना दांव खेलेगी।चिराग ,उपेन्द्र ,आर सी पी और मुकेश साहनी के भरोसे ।जबकि चिराग पासवान और मुकेश साहनी को बीजेपी ने धोखा देकर इन्हें कही का नही छोडा था । बीजेपी ने इनकी राजनीतिक हैसियत को कमजोर कर दिया था।आरसीपी और उपेन्द्र कुशवाहा भी उस स्थिति में नहीं है जो मतदाता को अपने ओर मोड़ ले ।
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