केंद्रीय संचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष श्री के. राजारमण ने ‘आईईईई सी-डॉट सर्टीफाइड एक्सपर्ट प्रोग्राम (आईसीसीटीईपी)’ का शुभारंभ किया, जिसमें आईईईई (इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स) और सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलप्मेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) ने सहयोग किया है। इस कार्यक्रम के तहत संचार के विभिन्न क्षेत्रों में सीखने की प्रक्रिया को संचालित किया जायेगा, जिसमें 5-जी, साइबर सुरक्षा और क्वॉन्टम संचार को शामिल किया गया है, ताकि कौशल के अंतराल को पाटा जा सके। इस कार्यक्रम की शुरूआत आईईईई मानक संघ कार्यशाला के दौरान कल यहां हुई। इस कार्यशाला का विषय “नेक्स्ट जनरेशन कनेक्टिविटी” पर केंद्रित था। ईसीसीटीईपी का शुभारंभ करते हुये दूरसंचार सचिव और डीसीसी के अध्यक्ष श्री के. राजारमण ने कहा कि सी-डॉट और आईईईई के बीच सहयोग से अनुसंधान व विकास, प्रौद्योगिकी क्रमिक विकास और मानकीकरण के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उन्होंने आईसीसीटीईपी जैसे कौशल-विकास कार्यक्रमों और सीखने के बेहतर तरीकों की जरूरत पर बल दिया। इन कार्यक्रमों की पूरे विश्व में पहुंच है और विश्वस्तरीय दूरसंचार निकायों और संघों की इसमें संलग्नता है। उन्होंने इस यात्रा में आईईईई के साथ साझीदारी करने की इच्छा व्यक्त की, ताकि दूरसंचार उत्पादों को अधिक मानक-अनुकूल, सुरक्षित, सस्ता, उपयोगकर्ता-अनुकूल और सर्वसुलभ बनाया जा सके। सी-डॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने अकादमिक जगत, उद्योग, स्टार्ट-अप और आईईईई जैसी वैश्विक दूरसंचार संस्थाओं के सहयोग से पारस्परिक उत्पादक गठबंधन बनाने के लिये सी-डॉट द्वारा अपनाये गये सहयोगात्मक कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आईसीसीटीईपी उन्नत प्रौद्योगिकीय विषयों पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेगा, जो समझने में आसान होगा, ताकि सीखने की प्रक्रिया के अंतराल को पाटा जा सके। डॉ. उपाध्याय ने सी-डॉट और आईईईई कार्यक्रम को विस्तार देने की योजना का हवाला दिया, जिसमें 6-जी, क्वॉन्टम संचार और साइबर सुरक्षा सहित अन्य उदीयमान क्षेत्रों में समर्पित पाठ्यक्रम को शामिल किया जायेगा।