अंबेडकर जयंती पर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने लिया फासीवाद मिटाने और लोकतंत्र बचाने का संकल्प।
RKTV NEWS/अनिल सिंह,14 अप्रैल।11अप्रैल ज्योतिबा फुले जयंती से 14 अप्रैल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती तक सांप्रदायिक हिंसा और उन्माद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आज भाकपा-माले ने आरा शहर सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों में सद्भावना-एकजुटता मार्च निकाला और बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा फासीवादी मोदी सरकार के हमले से संविधान,लोकतंत्र और देश को बचाने का संकल्प लिया!
आरा में मार्च पूर्वी गुमटी से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्ग होते हुए कचहरी अम्बेडकर चौक तक गया!मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह,केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव,राज्य कमिटी सदस्य विजय ओझा,शिवप्रकाश रंजन,सबीर कुमार,क्यामुद्दीन अंसारी आदि कई नेता कर रहे थे!सभा की अध्यक्षता नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने की!सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव ने कहा की आज मोदी सरकार देश में लोकतंत्र को खत्म कर फासीवादी शासन चलाना चाहती है!इसके लिए वह सिर्फ दलित गरीबों,अल्पसंख्यकों के घरों पर ही नहीं बल्कि सारी संवैधानिक संस्थाओं पर भी बुलडोजर चला रही है!यहां तक कि अब इतिहास और न्यायपालिका पर भी बुलडोजर चलाया जा रहा है! मोदी सरकार देश के संविधान की जगह मनुस्मृति को लाना चाहती है!आज उन्हीं ताकतों के हाथ में देश की सत्ता है जो 1949 में संविधान की प्रतियां जला रहे थे और मनुस्मृति को ही संविधान बनाने की मांग कर रहे थे। वे देश को पुराने वर्णवादी व्यवस्था में ले जाना चाहते हैं!इसलिए सबको एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है!
भाजपा विपक्ष को खत्म कर एकदलीय व्यवस्था थोपना चाहती है!इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग कर रही है!यूपी में तो न्यायालय एवं कानून व्यवस्था को दरकिनार कर एनकाउंटर राज थोप दिया गया है!जहां न्याय नाम की कोई चीज नहीं बची है!यहीं है भाजपा का गुजरात मॉडल है जहां न्याय का संहार और कॉरपोरेट लूट की छूट मची है!उसे वे बिहार में भी थोपना चाहते है!जिसे बिहार बर्दाश्त नहीं करेगा!बिहार लोकतंत्र और न्याय की भूमि है!लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद बौखलाई भाजपा बिहार में उन्माद और उत्पात की राजनीति के जरिए हिंसा और अशांति फैलाना चाहती है जिसे नाकाम करना होगा!आपसी सद्भावना और एकजुटता कायम रखते हुए पूरे देश से सांप्रदायिक फासीवादी शासन को 2024 में उखाड़ फेंकने की जरूरत है!जन आंदोलनों की भूमि का नाम ही बिहार मॉडल है इसी रास्ते से देश में बदलाव आयेगा!सद्भावना- एकजुटता मार्च में जिला कमेटी सदस्य राजनाथ राम,गोपाल प्रसाद,जितेन्द्र सिंह,रामानुज सिंह,निरंजन केशरी,पप्पू कुमार राम,सुशील यादव,बालमुकुंद चौधरी,अमित बंटी,अजय गांधी,चंदन कुमार,दीना जी,कृष्ण कुमार निर्मोही,अभय कुशवाहा,राजेंद्र यादव,हरिनाथ राम,रामाशंकर प्रसाद,मिल्टन कुशवाहा,रौशन कुशवाहा,बबलू गुप्ता,धीरेंद्र कुमार आर्यन,संतविलास राम,पंकज कुशवाहा,अभय सिंह,प्रमोद रजक,जनार्दन गौंड,मिथलेश कुमार,अखिलेश कुमार,आशुतोष कुमार पांडेय,सुरेन्द्र पासवान,रामनिवास बिंद,धीरेंद्र कुमार,मोहन बिंद,सुधीर कुमार, शिवराज कुमार,राहुल कुमार,लव कुमार,रविकांत,जयशंकर,सियाकांत,अर्जुन कुमार,श्यामदेव,मनीष कुमार,संजय साजन, तारकेश्वर,सोनू कमलेश आदि कई लोग शामिल थे!