RKTV NEWS/महाराजगंज(सिवान) से अमरेश सिंह ।08अप्रैल।सिवान के महाराजगंज स्तिथ स्वामी कर्मदेव उच्च विद्यालय परिसर में राष्ट्रीय भोजपुरी संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन करते हुए भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा की भोजपुरी की लड़ाई अभी से ही नहीं यह लड़ाई आजादी के बाद से ही चल रही है।उन्होंने कहा की हमारे दिल में भी भोजपुरी के लिए उतना ही सम्मान है जितना आपलोगो के दिलों में है लेकिन लड़ाई लड़नी है क्योंकि जब भोजपुरी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल हो जायेगी तब यह रोजी रोजगार से भी जुड़ जायेगा और भोजपुरियां समाज का विकाश होगा उन्होंने सभी को संबोधन से कहा की आपलोगो का भी यह कर्तव्य है की भोजपुरी को लेकर बड़े बड़े आयोजन करें क्योंकि यह भाषा देश में ही नही विदेशों में भी प्रचलित है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ हरेंद्र सिंह व मंच संचालन संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ उमा शंकर साहू ने किया।उद्धघाटन सत्र के अवसर पर पोखरा (महाराजगंज) के मेघनाथ प्रसाद की तीनों पुत्रियों सरिता,शाक्षी और राज ने कवि सत्यानारण के गीत “सुंदर सी भूमि मईया…भारत देश वासे मोर प्राण बसेरे बटोहिया…..की प्रस्तुति की।उद्घाटन सत्र की शुरुआत गिरगिटिया मजदूर पर लेकर चर्चा से हुई।कार्यक्रम के नवनिर्वाचित एमएलसी वीरेंद्र यादव,पूर्व प्राचार्य डॉ गुरु चरण सिंह ,प्रदीप भोजपुरिया,जिला परिषद अध्यक्षा संगीता यादव, उपाध्यक्षा गुड़िया देवी ,लाला बाबू यादव, भोजपुरिया कलाकार आनंद मोहन,महापौर शारदा देवी,संयुक्त सचिव कृष्ण मोहन सिंह,कवि जनार्दन मिश्र समेत आरा,बलिया,छपरा,नेपाल,बेतिया,रोहतास,आदि जगहों से आए बुद्धिजीवी, भोजपुरिया साहित्यकारों ने अपने अपने विचार प्रकट किये।इस आयोजन में कई लोगो को सम्मानित भी किया गया।कार्यक्रम में भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं होने की कठिनाइयों पर चर्चा करते हुए भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के संस्थापक सह बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन संघ भोजपुर के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने गृह मंत्रालय,दिल्ली साहित्य अकादमी से आए पत्र एवं समाचार पत्रों की खबरों को वितरित करते हुए बताया की जब हम सभी की मांगे एक है तो फिर इसके लिए एक भोजपुरी के लिए बड़ा मंच का निर्माण क्यों नही हो रहा।आठवीं अनुसूची में भोजपुरी के शामिल नहीं होने के लिए भोजपुरी समाज स्वयं जिम्मेदार है क्योंकि हम टुकड़े टुकड़े में विभक्त हो चुके है।इस अवसर पर ” गुरु दक्षिणा ” का भी लोकार्पण किया गया।
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