RKTV NEWS/ नयी दिल्ली,04अप्रैल। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुख्य डेटा आधार पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) ने स्कोप कॉम्प्लेक्स कन्वेंशन सेंटर में 3 अप्रैल 2023 को अपना 22वां स्थापना दिवस मनाया। तत्कालीन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने वर्ष 2002 में इसी दिन पीपीएसी का उद्घाटन किया था।
अपनी स्थापना के दो दशकों से अधिक समय में, पीपीएसी ने तेल और गैस क्षेत्र के बारे में व्यापक डेटा प्रबंधन के अलावा, पीएमयूवाई (उज्ज्वला), डीबीटीएल, पीएम गरीब कल्याण योजना, एलपीजी सब्सिडी और गैस मूल्य निर्धारण के प्रबंधन को विनियमित बाजार में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विगत में इसने मंत्रालय को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) मिट्टी के तेल की सब्सिडी के प्रबंधन और दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए भाड़ा सब्सिडी सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के निर्वहन में काफी सहायता प्रदान की है।
पीपीएसी तेल और गैस क्षेत्र में डेटा बैंक का रखरखाव करती है और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय तेल और गैस क्षेत्र और घरेलू मूल्यों में आ रहे रुझानों का विश्लेषण भी करता है।
पीपीएसी के स्थापना दिवस पर योजना आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. किरीट पारिख मुख्य अतिथि थे। उन्होंने तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में पीपीएसी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में अपने विचार साझा करते हुए ऊर्जा पारगमन की दिशा में गतिविधियों की आवश्यकता पर जोर दिया। ग्लोबल हेड – एनर्जी एंड नेचुरल रिसोर्सेज, केपीएमजी श्री अनीश डे ने अपने संबोधन में इस बारे में जानकारी दी कि पीपीएसी जैसा डेटा संगठन किस प्रकार ऊर्जा पारगमन के समय अपने आपको प्रासंगिक रख सकता है। विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधियों ने डेटा और नीति विश्लेषण के लिए सबसे अधिक प्रामाणिक आधिकारिक स्रोत होने के कारण हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में पीपीएसी द्वारा निभाई गई भूमिका की जोरदार प्रशंसा की। पीपीएसी के महानिदेशक श्री पी मनोज कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में पीपीएसी की यात्रा के दौरान अर्जित उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बदलते परिदृश्य और गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए इसके दायरे और क्षेत्र को व्यापक बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
इस आयोजन में व्यापक रूप से लोकप्रिय पीपीएसी वेबसाइट का ऐप वर्जन भी लॉन्च किया गया और इस क्षेत्र के सामूहिक ज्ञान का प्रसार करने के लिए ऊर्जा के बारे में द्वि-वार्षिक पत्रिका के प्रस्तावित प्रकाशन की घोषणा भी की गई।
पीपीएसी ने तकनीकी सत्र और पैनल चर्चा आदि जैसी गतिविधियों के साथ हर साल 3 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस नियमित रूप से आयोजित करने का निर्णय भी लिया