RKTV NEWS/पटना(बिहार)18 सितम्बर।आज सूचना एवं जन संपर्क विभाग, बिहार, पटना के संवाद कक्ष में आहूत प्रेस-कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए राज्य कर आयुक्त-सह-सचिव वाणिज्य कर विभाग श्री संजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2023-24 में GST Collection में 18% growth के साथ बिहार देश के शीर्ष 5 राज्यों में से है। जी०एस०टी० संग्रहण में बिहार ने 13% के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 18% की सम्मानजनक अभिवृद्धि दर्ज की है। उल्लेखनीय है कि राज्य ने वर्ष 2021-22 से लगातार जी०एस०टी० संग्रहण में 18 प्रतिशत की वार्षिक अभिवृद्धि दर्ज की है। सचिव ने वाणिज्य कर विभाग की तमाम गतिविधियों के बारे में जानकारियाँ साझा करते हुए बताया की अप्रत्यक्ष कर संग्रहण के क्षेत्र में सरकार द्वारा ऐतिहासिक सुधार करते हुए दिनांक 01.07.2017 से बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 के स्थान पर बिहार माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (जी०एस०टी०) लागू किया गया। जी०एस०टी० के रूप में यह ऐतिहासिक कर सुधार को बिहार ने विगत सात वर्षों में बड़ी ही कुशलतापूर्वक लागू किया है। विभाग के कुशल और प्रभावी कर प्रशासन एवं राज्य के सभी करदाताओं, व्यवसायिक संगठनों एवं अन्य हितधारकों के सकारात्मक सहयोग के फलस्वरूप विगत छः वर्षों में कर-संग्रह में 122% की अभिवृद्धि हुई है। जी०एस०टी० लागू होने के पूर्व वर्ष 2017-18 में जहाँ कर-संग्रहण रु० 17,236 करोड़ था वह वर्ष 2023-24 में बढ़कर रू० 38198 करोड़ हो गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल रू० 42,500 करोड राजस्व संग्रहण का लक्ष्य है। अगस्त 2024 तक रू० 15,463 करोड़ राजस्व की वसूली हुई है जो विगत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 8.4% अधिक है।जी०एस०टी० में Goods का कारोबार करने वाले 1.5 करोड़ रू० तक के Turnover वाले करदाता जबकि रू० 50 लाख तक Turnover वाले सेवा प्रदाताओं के लिये Composition योजना लागू है। Composition योजना के अंतर्गत व्यवसायियों को त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने से मुक्त किया गया है। इन करदाताओं को पूरे वर्ष में अब सिर्फ एक वार्षिक विवरणी दाखिल करनी है।
लघु करदाताओं की सुविधा के लिए QRMP (Quarterly Return Monthly Payment) योजना लागू है। इसके अंतर्गत रू० 5 करोड़ तक के Turnover वाले करदाताओं को बड़े करदाताओं की तरह मासिक विवरणी दाखिल करने से मुक्त करते हुए त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की सुविधा दी गयी है। सिर्फ कर का भुगतान मासिक करना है। वर्त्तमान में लगभग 3 लाख करदाताओं द्वारा इस योजना का लाभ लिया जा रहा है।जी०एस०टी० लागू होने के उपरांत निबंधित करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्त्तमान में जी०एस०टी० के अंतर्गत राज्य में केन्द्रीय एवं राज्य क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत निबंधित कुल व्यवसायियों की संख्या 6,54,489 है।
विभाग ने e-governance को पूरी तरह लागू किया है। अब करदाताओं को सामान्यतया किसी काम के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि करदाताओं के लगभग सारे कार्य Online संमपन्न किये जाते है। इसी तरह कर प्रशासन में भी पारदर्शिता लायी गयी है।
करदाताओं की समस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु शिकायत निवारण अभियान प्रारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों द्वारा अंचल तथा प्रमंडल स्तर पर प्रत्येक माह के द्वितीय एवं चतुर्थ मंगलवार को जबकि मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को करदाताओं की शिकायतों का निपटारा किया जाता है। करदाता इन शिविरों में उपस्थित होकर या ई-मेल के माध्यम से भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। प्राप्त समस्त शिकायतों के निवारण की मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा की जाती है। करदाताओं के जी०एस०टी० की समस्याओं के समाधान के लिए
Commissioner CGST & Commissioner SGST की अध्यक्षता में संयुक्त रूप से Grievance Redressal Committee (GRC) की बैठक आयोजित की जाती है जिसमे चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएयसन से प्राप्त सुझावों पर विमर्श कर यथासंभव उसे लागू कराने का प्रयास किया जाता है। जी०एस०टी० पूर्व के अधिनियमों से संबंधित विभिन्न विवादों के समाधान हेतु बिहार कराधान विवादों का समाधान अधिनियम, 2024 लागू किया गया है। इस योजना का लाभ अभी तक लगभग 2500 व्यवसायी उठा चुके हैं। योजना की सफलता को देखते हुए इसे 15 सितम्बर 2024 से अगले 06 माह के लिए विस्तारित किया गया है।बिहार मूल्य वर्द्धित कर नियमावली में संशोधन करते हुए पेट्रोल पम्प के व्यवसायियों को त्रैमासिक विवरणी दाखिल किए जाने से छूट प्रदान की गयी है। पेट्रोल पम्प व्यवसायियों को अब सिर्फ वार्षिक विवरणी दाखिल करनी है।
माल और सेवा कर प्रणाली के अंतर्गत बिहार के कई नवाचार यथा GST Audit Manual, Real Estate Sector analysis and case study को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। जी०एस०टी० परिषद की 53वीं बैठक में करदाताओं की सुविधा के लिए कतिपय छूट दिए जाने संबंधी निर्णय लिये गये हैं-
प्रारंभ के तीन वर्षों 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के लिए अधिनियम की धारा-73 के अंतर्गत सृजित माँग हेतु कर की पूरी राशि जमा कर दिये जाने की स्थिति में ब्याज एवं शास्ति की पूरी राशि को माफ किये जाने हेतु एक एमनेस्टी स्कीम लाये जाने का निर्णय लिया गया है।
जी०एस०टी० अधिनियम में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने हेतु एक समय सीमा निर्धारित है। प्रारंभिक 04 वर्षों के लिए यह समय सीमा बढ़ाकर 30.11.2021 की गई है।
परिषद् द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि करदाता के कैश लेजर में राशि जमा है तो रिर्टन विलंब से जमा करने की स्थिति में भी कैश लेजर में जमा राशि की सीमा तक ब्याज की देयता नही होगी।
इसके अतिरिक्त कई प्रकार की वस्तुओं यथा मिल्क केन, कार्टन आदि पर कर की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की गई है। सेवाओं के मामले में कई प्रकार की सेवाओं को करमुक्त किया गया है। रेलवे द्वारा आम जनता को प्लेटफार्म टिकट की बिक्री, क्लॉक रूम, रिटायरिंग रूम आदि के रूप में दी जाने वाली सेवाओं को करमुक्त कर दिया गया है।
54वीं जी०एस०टी० काउसिल की बैठक में कैसर रोग की दवा एवं नमकीन खाद्य पदार्थ की बिक्री पर कर की दर में कमी की गयी है। इसके अलावे Term Life Insurance एवं Health Insurance की प्रीमियम राशि पर पर कर में छूट के लिए Rate Rationalisation हेतु गठित GoM को विचार करने हेतु निदेशित किया गया है।
निबंधन हेतु Aadhaar Authentication को और अधिक प्रभावपूर्ण बनाने के लिए GSK (GST Suvidha Kendra) के माध्यम से Biometric Based Aadhaar Authentication की व्यवस्था लागू की गई है। इसके अंतर्गत राज्य क्षेत्राधिकार में 31 एवं केन्द्रीय क्षेत्राधिकार में 10 सुविधा केन्द्र कार्य कर रहे हैं। विभाग की आधारभूत संरचना को भी सुदृढ़ किया गया है। सिर्फ 07 कार्यालयों को छोड़कर सभी कार्यालय सरकारी भवन में कार्यरत हैं। शेष कार्यालयों के लिए भी सरकारी भवन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है।
मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में करदाताओं एवं अधिवक्ताओं को बैठने, शौचालय / पेयजल आदि की व्यवस्था को पहले से बेहतर की गई है। दिव्यांग करदाताओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यालयों में रैम्प बनाए गए है।
इस अवसर पर वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार, अंकेक्षण विशेषज्ञ संजय कुमार मावंडिया, राज्य कर विशेष आयुक्त सच्चिदानंद शर्मा, राज्य कर अपर आयुक्त-सह-विशेष कार्य पदाधिकारी, बिनोद कुमार झा, राज्य कर संयुक्त आयुक्त, अच्छे लाल प्रसाद आदि तमाम पदाधिकारीगण उपस्थित थे।