पटना/बिहार (राकेश मंगल सिन्हा) 5 सितम्बर। पटना के फतेहपुर स्थित एस आर पी कॉलेज में शिक्षक दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य अजय कुमार ने डॉo सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा महाविद्यालय के बारे में विशेष रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में गुरु-शिष्य की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसी परंपरा को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों को शिष्यों द्वारा उनके जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए धन्यवाद किया जाता है। महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉo राजेन्द्र प्रसाद राय ने आगन्तुकों तथा अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज शिक्षक दिवस सिर्फ दिवस के रुप में ही रह गया है। शिक्षक एवं छात्रों का आपसी प्रेम समाप्त होते जा रहा है। उन्होंने छात्रों से शिक्षकों का सम्मान करने और शिक्षकों को छात्र-छात्रों को भी सम्मान देने को कहा। इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ शिक्षक लक्ष्मण कुमार ने कहा कि हमलोगों को जीवन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार करना चाहिए। शिक्षक समाज के स्तंभ हैं जो एक-एक छात्र के माध्यम से हमारे देश के भविष्य को सजाते, संवारते तथा आकार देते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति बने। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। इन्हीं गुणों के कारण भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्म 5 सितंबर 1988 को तिरुट्टनी में हुआ था। 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में उनकी मृत्यु हुई। इस अवसर पर कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ बैद्यनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षक भगवान द्वारा दिया गया एक सुंदर उपहार है। भगवान पूरे संसार के निर्माता हैं और शिक्षक पूरे राष्ट्र के निर्माता हैं। शिक्षक छात्र के जीवन में एक ऐसा महत्वपूर्ण प्राणी है जो अपने ज्ञान, धैर्य और प्रेम के माध्यम से छात्रों के पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ रामाशंकर ने कहा कि आज जो हम सब हैं वह शिक्षक के कारण ही हैं। शिक्षा हमारा मार्गदर्शक और पथ प्रदर्शक है। मौके पर उपस्थित महाविद्यालय के सुमित कुमार, सुधीर कुमार वर्मा ,शशि कुमार ,मोहित कुमार,रंजीत कुमार सिंह, दोलन कुमार,अमित कुमार एवं अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।