आरा/भोजपुर (डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा)30 अगस्त।स्थानीय महाजन टोली स्थित ठाकुरबाड़ी प्रांगण में बक्शी कुलदीप नारायण कल्चरल सोसाईटी द्वारा आयोजित 111वां श्री कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह का गुरुवार को चौथी निशा का उद्घाटन डॉ मदन मोहन द्विवेदी ने दीप प्रज्जवलीत किया। इस अवसर पर डॉ. द्विवेदी ने कहा कि बाबू ललन जी के काल खंड में यदि आरा शास्त्रीय संगीत जगत का प्रमुख केंद्र था । वहीं आज भी देश स्तर पर शास्त्रीय संगीत जगत में आरा का हस्ताक्षर कायम है । चौथी संध्या में युवा शास्त्रीय गायिका श्रेया पांडेय ने राग विहाग में झपताल विलंबित की बंदिश ” सांवरा गिरधर मनमोहना ” तीनताल में निबद्ध बंदिश “रोको ना डगर मोहे जाने दो घरवा” एकताल की बंदिश “बहिया धरी चूड़ियाँ फोड़ी गगरी गिराई” व ठुमरी “तुम राधे बनो श्याम ” प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । वही युवा गायक रोहित कुमार ने राग मारू विहाग में बंदिश ” मैं क्या जानू बालम प्रीत तिहारी ” व ठुमरी दादरा को प्रस्तुत कर समां बाँधा । इस कार्यक्रम में तबला वादक देवेश दुबे ने तीनताल में स्वतंत्र तबला वादन करते हुए पेशकार, कायदा, टुकड़ा व लग्गी सुनाकर सबका मन मोह लिया । कथक नृत्यांगना कुमारी अनिशा ने श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा से वंदन करते हुए, तीनताल में उपज, ठाट, आमद परन व विभिन्न बंदिशों की प्रस्तुति से वाहवाही लूटी । वही व हंशीका, सौम्या, विनीता, राका व गौरी ने उपशास्त्रीय कजरी बरसत बूंद बूंद अखियाँ मूंद मूँद सखिया झुला झूले ” प्रस्तुत कर तालियां बटोरी । हरमोनियम पर अजीत पांडेय व तबले पर सूरज कांत पांडेय ने संगत से रंग भरा । मंच संचालन अभय कुमार व धन्यवाद ज्ञापन गुरु बक्शी विकास ने किया ।
previous post