महाशिवरात्रि पर बुढ़वा महादेव में जलाभिषेक के लिए उमड़ता रहा जनसैलाब।
आरा/भोजपुर (दिनेश प्रसाद सिन्हा) महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा जागेश्वर नाथ उर्फ बुढ़वा महादेव मंदिर महादेवा के प्रांगण में श्रद्धालु भक्तों की भीड़ प्रातः काल से ही उमड़ती रही।जलाभिषेक के लिए सुबह चार बजे से ही महिलाओं की दो कतार और पुरुषों का एक कतार दूर तक दिखाई दे रहा था। इतनी लंबी कतार पहले कभी नहीं देखी गई। भगवान के प्रति बढ़ती आस्था, हर हर महादेव, ओम नमः शिवाय के जयघोष के साथ-साथ मंदिर से बजती घंटों की आवाज आस्थावान लोगों का हौसला आफजाई करता रहा।समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद उपाध्यक्ष शंकर जी तथा कोषाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद के साथ-साथ शंकर जी, रामू ,मुन्ना जी पंडित विवेक गिरी सहित अनेक स्वयंसेवक भीड़ को संतुलित करने में लगे रहे। पुलिस प्रशासन ,महिला पुलिस भी पूरी मुस्तैदी से भक्तों को दर्शन कराने में सहयोगी के रूप में सक्रिय रहे। मंदिर के पुजारी विवेक गिरी ने बताया कि मंदिर का अपनी प्राचीन विरासत महाभारत काल से जुड़ी है। पांचों पांडवों ने यहां बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया था। हमारे पूर्वज पांच पुस्तो से बुढ़वा महादेव के पुजारी रहे हैं। इस मंदिर की खूबियों में सैकड़ों वर्ष पूर्व का प्राचीन कुआं, स्थापना काल का तो कोई सूचना नहीं है। प्राचीन मंदिरों में इसका स्थान है और इन्हीं के नाम पर पुराना नक्शा में महादेवा अंकित है। आज ही के दिन भगवान भोलेनाथ और मां जगत जननी की शादी की ऐतिहासिक कथा मिलती है। बाबा भोलेनाथ औघड़ दानी है भक्तों से तुरंत प्रभावित होते हैं इन्हें एक लोटा जल और बेलपत्र से भी प्रसन्न किया जा सकता है और उसके लिए आज का दिन सबसे बढ़िया माना जाता है आज के दिन पूजा अर्चना से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को सुख समृद्धि यश और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। हजारों पुरुष और महिलाओं ने बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए घंटो लाइन में इंतजार करते देखे गए। संध्या समय हिंदू जागरण मंच द्वारा श्वेता सा शिव मंदिर से सज धज के बारात निकाली गईं और नगर भ्रमण करते हुए बुढ़वा महादेव और यहां से फिर सिद्धनाथ मंदिर को प्रस्थान की।