RKTV NEWS/नयी दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक नामांकित वकील, जो काफी समय के लिए गैर-कानूनी पेशे में काम कर रहे हैं और वे कानूनी पेशे में वापस आना चाहते हैं तो उन्हें दोबार बार एग्जाम देना होगा। सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने शुक्रवार को विधि स्नातकों को कानून की प्रैक्टिस करने के लिए पात्रता मानदंड के रूप में ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन को बरकरार रखा। पांच जजों की बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए.एस. ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने न केवल अखिल भारतीय बार परीक्षा की वैधता को बरकरार रखा और बार काउंसिल को यह निर्धारित करने की शक्ति दी कि योग्यता परीक्षा नामांकन से पहले या बाद में आयोजित की जाएगी, बल्कि एमिकस क्यूरी और सीनियर एडवोकेट के.वी. विश्वनाथन द्वारा नामांकन और लीगल प्रैक्टिस के कई पहलुओं के संबंध में दिए गए विभिन्न सुझावों की उपयुक्तता का भी पता लगाया।