RKTV NEWS/भोपाल (मध्यप्रदेश)15 फ़रवरी।आज दुष्यंत संग्रहालय भोपाल में सुरेश पटवा के उपन्यास “दास्तान ए मिर्ज़ा ग़ालिब” का लोकार्पण किया गया साथ ही राजुरकर राज की दूसरी पुण्य तिथि पर उनका पुण्य स्मरण और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रख्यात पत्रकार महेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता, कथाकार मुकेश वर्मा के मुख्य आतिथ्य और डॉक्टर नुसरत मेहदी के सारस्वत आतिथ्य में नगर के प्रसिद्ध लेखक सुरेश पटवा द्वारा लिखित उपन्यास “दास्तान ए मिर्जा ग़ालिब” का लोकार्पण संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत दुष्यंत स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के संस्थापक राजुरकर राज की पुण्य तिथि पर उपस्थित साहित्यकारों द्वारा श्रद्धांजलि से हुई। विशाखा राजुरकर ने कार्यक्रम आरंभ करते हुए पिताजी का पुण्य स्मरण किया और संग्रहालय की सचिव करुणा राजुरकर सहित नगर के प्रबुद्ध साहित्यकारों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
तत्पश्चात लोकार्पण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें गोकुल सोनी ने बड़ी संख्या में उपस्थित साहित्य रसिकों का स्वागत किया। तत्पश्चात इक़बाल मसूद ने उपन्यास की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए उपन्यास को मिर्ज़ा ग़ालिब के संबंध में सम्पूर्ण कृति निरूपित किया। सुरेश पटवा ने लेखकीय उद्बोधन में बताया कि यह कृति उनके दस वर्षों के शोध का हासिल है।
अध्यक्षीय आसन्दी से बोलते हुए महेश श्रीवास्तव ने कहा कि ग़ालिब की पुण्यतिथि पर उनके ऊपर लिखे उपन्यास के लोकार्पण से अच्छी बात नहीं हो सकती। भोपाल में ग़ालिब की पुण्यतिथि इस तरह मनाना एक अद्भुद आनंद से भर रहा है। भोपाल के इस इंसान ने ग़ालिब को एक बार फिर पाठकों के बीच ज़िंदा कर दिया है।
मुख्य अतिथि कथाकार मुकेश वर्मा ने कृति को लेखक का सोहबतनामा बताते हुए कहा कि ग़ालिब एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे उनकी शायरी पढ़ने वालों को मुहब्बत हो ही जाती है। यही पटवा जी के साथ हुआ। इन्होंने तटस्थ होकर इस उपन्यास की रचना की है।
सारस्वत अतिथि उर्दू अकादमी की निदेशक डॉक्टर नुसरत मेहदी में कहा कि सुरेश पटवा ने ग़ालिब की जीवनी और ऐतिहासिक तथ्यों को समेट कर एक अद्भुद उपन्यास को आकार दिया है। लोकार्पण कार्यक्रम में एक बड़ी संख्या में नगर के हिंदी और उर्दू के मूर्धन्य साहित्यकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उर्दू अदब के शायर बद्र वास्ति ने और आभार प्रदर्शन वीरेंद्र श्रीवास्तव में प्रकट किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दी।
