महाविद्यालय प्राचार्यों और विद्यार्थियों के साथ नशा मुक्त अभियान पर कार्यशाला।
RKTV NEWS/हनुमानगढ़(राजस्थान )04 सितम्बर। नशा सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी करता है। हमें नशीली सामग्री की मांग और आपूर्ति को रोकना होगा। नशे का ऑफर हमेशा परिचित, रिश्तेदार या दोस्तों से ही मिलता है। उन्हें ‘ना‘ करना सीखना होगा। यह कहना है जिला कलेक्टर काना राम का। उन्होंने बुधवार को जंक्शन स्थित बैबी हैप्पी मॉर्डन पी.जी कॉलेज में नशा मुक्त अभियान मानस के तहत कार्यशाला को सम्बोधित किया।
जिला कलेक्टर ने युवाओं से आग्रह है कि जिंदगी को हां, नशे को ना कहे। साथ ही, नशा नहीं करने वाले 90 फीसदी लोगों को जागरूक करना होगा, ताकि वे 10 फीसदी को भी नशा मुक्त कर सके। उन्होंने कहा कि किशोर 15 से 30 वर्ष की उम्र में बदलाव के दौर से गुजरते है। इसी समय सबसे अधिक नशे की चपेट में आते हैं। विद्यालय और महाविद्यालय में जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है।
काना राम ने कहा कि विद्यार्थियों को निबंध, पेंटिंग, नाटक, भाषण इत्यादि प्रतियोगिताओं से जागरूक किया जा सकता है। इसी तरह महाविद्यालयों में भी नशे के खिलाफ गतिविधियां होनी चाहिए, ताकि सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो। सभी विद्यार्थियों को ई-शपथ दिलाई जाए।
महिलाएं ठान लें तो
जिला कलेक्टर ने कहा कि महिलाएं अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकती है। इसलिए नशे के खिलाफ अभियान में महिलाओं को जोड़ना आवश्यक है। सही समय पर नशा विक्रेताओं की सूचना दी जानी आवश्यक है, जिससे नशे की बिक्री पर लगाम लगाई जा सके। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स दिवस पर जिले में नशा मुक्त अभियान शुरू किया गया था।
डां. कुंवर बैचेन की पंक्तियों से सहभागिता का आह्वान
‘‘पूरी धरा भी साथ दे तो और बात है, पर तू जरा भी साथ दे तो और बात है, चलने को एक पांव से भी चल रहे हैं लोग, पर दूसरा भी साथ दे तो और बात है।‘‘ डाॅ. कुँअर बैचेन की लिखी पंक्तियों को इनाया फाउंडेशन सचिव नितीशा शर्मा ने सुनाते हुए तालियां बटोरी। उन्होंने पंक्तियों के जरिए नशा मुक्त अभियान में जिला प्रशासन और आमजन की सहभागिता को दर्शाया।
नशे करने वाले अपराधी नहीं, बल्कि मरीज है।
कार्यशाला में डॉ. सुनील विद्यार्थी ने नशे पर विस्तृत जानकारी दी। बताया कि नशा एक रोग है। नशे के आदी व्यक्ति अपराधी नहीं है, बल्कि नशे की बीमारी के मरीज हैं। इसका उपचार संभव है। मनोचिकित्सक डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि हमें नशे के विरुद्ध सामाजिक माहौल तैयार करना होगा। कार्यशाला में जिला प्रशासन द्वारा तैयार लघु फिल्म दिखाई गई। जिला कलेक्टर ने उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और अधिकारियों को नशा छोड़ने और नशा मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई।
हम है हीरो, हम होंगे कामयाब
कार्यशाला में एनपीएस के विद्यार्थियों ने लघु नाटिका का प्रदर्शन किया। नवज्योति स्कूल के विद्यार्थियों ने लघु नाटिका से बताया कि कैसे शराब और नशे से घर बर्बाद हो जाता है। इनाया फाउंडेशन जयपुर से नितिशा शर्मा ने ‘हम है हीरो, हम होंगे कामयाब‘ के माध्यम से विद्यार्थियों में नशे के विरुद्ध आत्मविश्वास भरा। उन्होंने कहा कि हमें कब ‘हां‘ बोलना है, कब ‘ना‘ बोलना है, यह समझना होगा।
नशा बिक्री की सूचना दे, प्रभावी कार्यवाही होगी।
आरपीएस श्री अरुण कुमार ने कहा कि नशे की मार हर तरीके से मार रही है। निर्णय लेने के लिए आमजन समय नहीं ले रहा है, जिस वजह से आमजन नशे का आदि हो जाता है। नशे के विक्रय की सूचना दें, हम प्रभावी कार्यवाही करेंगे। नशा बेचने वालों को प्यार से, नहीं तो मार से, पर सुधरना तो होगा। पिछले दिनों 6 नशे विक्रेताओं के अतिक्रमणों को तोड़ा गया है, ऐसी कार्यवाहियां नशे के खिलाफ लगातार जारी रहेगी।
अभियान को सफल बनाना होगा
प्राइवेट कॉलेज संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए अभियान को सफल बनाना ही होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि कॉलेज इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कार्यशाला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक सुरेंद्र कुमार पूनियां, बेबी हैप्पी कॉलेज के प्रशासक परमानंद सैनी, प्राचार्य डॉ. विशाल पारीक, उप प्राचार्य मनोज शर्मा, चेयरमैन आषीष विजय, प्राइवेट स्कूल शिक्षण संस्थान के जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा, एसीईओ सुनील छाबड़ा, आईसीडीएस उपनिदेशक प्रवेश सोलंकी, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, विद्यार्थी और कार्मिक उपस्थित थे।