RKTV NEWS/पटना (बिहार)04 सितंबर।आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना, आर्थिक एवं साइबर अपराधों के रोकथाम एवं साईबर संबंधित मामलों के अनुश्रवण एवं साइबर जागरूकता हेतु बिहार पुलिस की राज्य स्तरीय नोडल संस्था एवं विशिष्ट इकाई है। साइबर एवं साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न प्रकार के समस्याओं के निराकरण यथा साइबर अपराध के रोकथाम, साइबर जागरूकता, साइबर सुरक्षा, तकनीकी सहयोग एवं साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में विकास एवं आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग आदि पर सक्षम बनाने के उदेश्य से आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस, बिहार एवं प्रगत संगणन विकास केन्द्र (C-DAC) पटना के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) हेतु पहल की गयी। तद्नुसार बिहार पुलिस मुख्यालय से अनुमोदन उपरांत आज 04 सितम्बर 2024 को आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना में समझौता ज्ञापन (MoU) पर C-DAC पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा एवं आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ० मानवजीत सिंह ढिल्लों के द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
मुख्य रूप से इस समझौता ज्ञापन (MoU) का उदेश्य साइबर सुरक्षा एवं फॉरेंसिक के क्षेत्र में शोध, साइबर सुरक्षा एवं साइबर क्राईम से संबंधित सॉफ्टवेयर का विकास एवं समाधान, अनुसंधानकर्ता एवं पदाधिकारियों के क्षमतावर्धन हेतु कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन, साइबर अपराध अनुसंधान, साइबर फॉरेंसिक तथा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में क्षमतावर्धन आदि शामिल हैं। इसके अलावे उन्नत प्रौद्योगिकी का समाधान और सॉफ्टवेयर विकसित एवं क्रियान्यवित करना, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डेटा विश्लेषण, उच्च प्रदर्शन का कंप्यूटिंग तथा उन्नत सॉफ्टवेयर समाधान आदि शामिल हैं। साथ ही साइबर से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास, नेटवर्किंग, डाटा स्टोरेज एवं साइबर सुरक्षा प्रणालियों आदि के क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता एवं सहायता प्रदान करना, अधिकारिक Website की सुरक्षा एवं Audit करना, सेमिनार, साइबर Hackathons, प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि के आयोजन में सहायता प्रदान करना, इस MoU के दायरे में शामिल हैं।
इस MoU की वैद्यता अगले 03 वर्षों के लिए प्रभावी एवं वैद्य रहेगी तथा आपसी परस्पर सहमति के उपरांत वैद्यता तिथि को बढ़ाया जा सकता है।
C-DAC पटना के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हो जाने के उपरांत साइबर एवं साइबर अपराध तथा साइबर फॉरेंसिक से संबंधित मामलों में सुचारू रूप से निराकरण में काफी सहायक होगें एवं साइबर अपराध को कम करने के साथ-साथ आम लोगों के बीच साइबर जागरूकता तथा साइबर अपराध के काण्डों के उद्भेदन, पुलिस पदाधिकारियों के उत्तम गुणवत्ता के साइबर प्रशिक्षण आदि में त्वरित गति से कार्यों में सहायता प्राप्त होगी। सी०-डैक के विशेषज्ञों को भी साइबर क्राईम एवं साइबर सुरक्षा के नये-नये आयामों को समझाने, इसपर शोध करने एवं इनसे संबंधित समाधानों को विकसित करने में सहायता प्राप्त होगी।