RKTV NEWS/आरा (भोजपुर)28 अगस्त।प्रख्यात उपन्यासकार डॉ भगवती शरण मिश्र की तृतीय पुण्य तिथि समारोह संकटमोचन नगर स्थित साहित्यकार जनार्दन मिश्र के आवास पर धूमधाम से विधिवत संपन्न किया गया ।संगोष्ठी की अध्यक्षता भोजपुर हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो बलिराज ठाकुर ने किया । विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आलोचक एवम् कवि जितेंद्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ मिश्र का विपुल साहित्य संसार हिंदी साहित्य की अमूल्य संपदा है , जिन्हें बार बार पठन मनन किए जाने की जरूरत है । वहीं वरिष्ठ कवि जगत नंदन सहाय का कहना कि डॉ मिश्र जी हमारे शाहबाद प्रक्षेत्र के राष्ट्रीय गौरव के एक अति ही मूर्धन्य साहित्यकार एवम् वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक अधिकारी थे ।वरिष्ठ कवि शिवदास सिंह ने अपने उद्बोधन में डॉ मिश्र को एक मूर्धन्य कालजयी उपन्यास बताया । साहित्य एवम् भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में डॉ भगवती शरण का साहित्य __ विषयक पर वरिष्ठ कवि , कहानीकार एवम् उपन्यासकार डॉ जनार्दन मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोई भी साहित्यकार समाज एवम् देश के अतीत , वर्तमान एवम् भविष्य को रेखांकित करते हुए सामाजिक मूल्यों के लिए साहित्य का सृजन करता है , जिसमें डॉ मिश्र जी का विपुल साहित्य अग्रणी है । प्रखर कवि राकेश ओझा ने अपनी ज्वलंत ताजा कविताओं के माध्यम से इन्होंने डॉ मिश्र की विरल स्मृतियों के प्रति भावांजलि व्यक्त किया ।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो बलिराज ठाकुर ने डॉ भगवती शरण मिश्र को बहु भाषाविद अति ही प्रांजल साहित्यकार बताया । उन्होंने कहा के डॉ मिश्र का समग्र व्यक्तित्व एवम् कृतित्व बहुआयामी था ।उन्होंने अपने ऐतिहासिक एवम् पौराणिक उपन्यासों में अविरल प्रवाह के द्वारा सभी पात्रों की भूमिका को जीवंत कर दिया है ।इनके उपन्यास एवम् इनके समग्र साहित्य भारतीय हिंदी साहित्य के लिए कोई अनमोल धरोहर हैं । प्रखर सामाजिक नेतृ मधु मिश्र ने अपनी भावांजलि व्यक्त करते हुए आगत अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।