RKTV NEWS/नयी दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि हाल के दिनों में देश में बाघों की मौत की संख्या का पता लगाया जाए। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश में बाघों की आबादी को बचाने के लिए आरक्षित वनों से मानव बस्तियों को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से एक याचिका पर सुनवाई करते हुए “केंद्र को भारत में बाघों की मौत की रिपोर्ट का पता लगाने के लिए” आदेश दिया। खंडपीठ ने यह निर्देश जस्टिस बीवी नागरत्ना के बाद पारित किया, जो खंडपीठ का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में कई बाघों की मौत की मीडिया रिपोर्ट मिली थी।2023 में लगभग दो महीने भारत में पहले से ही 30 बाघों की मौत दर्ज की गई, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस और कई अन्य मीडिया पोर्टलों ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट किया। इसने पीठ को आदेश पारित करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि केंद्र की ओर से पेश वकील ने बताया कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी किसी अन्य अदालत में व्यस्त हैं।याचिका में कहा गया कि वर्ष 2016 में 74 बाघों की मौत हुई, याचिकाकर्ता ने कहा कि इन जंगली बिल्लियों को आरक्षित जंगलों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों द्वारा या तो मानव-पशु संघर्ष या अवैध शिकार के कारण मार दिया गया। यह आरोप लगाया गया कि बाघों को स्थानीय लोगों या अधिकारियों द्वारा जहर देकर, वन रक्षकों द्वारा शूटिंग, अवैध शिकार आदि द्वारा अंधाधुंध, बर्बर और राक्षसी तरीके से मारा जा रहा है।