रांची/ झारखंड ,रांची की सांस्कृतिक संस्था नृत्य घराना के तत्वाधान में स्थानीय एमडीएलएम हॉस्पीटल स्थित परशुराम सभागार में अनुगूंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन मशहूर चिकित्सक डॉ. अर्चना पाठक, प्रख्यात ध्रुवपद गायक पंडित शैलेन्द्र कुमार पाठक व मशहूर नृत्य गुरु श्री विपुल नायक ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ़ ऑनर पंडित बिरजू महाराज के शिष्य बहुचर्चित कथक नर्तक श्री बक्शी विकास को कथक शिरोमणि के सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर गुरु बक्शी विकास ने कहा कि पंडित बिरजू महाराज जैसे व्यक्तित्व का जन्म नहीं अवतरण होता है। इस कार्यक्रम में खलीफा उस्ताद साबिर खान के शिष्य मशहूर तबला वादक श्री लक्ष्मी नारायण ओझा ने तीन ताल में स्वतंत्र तबला वादन में फर्रुखाबाद घराना के बाज को बखूबी प्रस्तुत किया। बिहार के युवा गायक श्री अजीत पाण्डेय व गायिका श्रेया पाण्डेय ने शास्त्रीय गायन में राग शुद्ध कल्याण की रूपक की बंदिश “मोरे साजन नहीं आये आधी रैना विरह सताए” तीन ताल की बंदिश ” मोहे ना भाये सुनी री सेजरिया” एकताल की बंदिश लागी उन सो लगन” व भजन पायो जी मैने राम रत्न धन पायो प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। वहीं संजना कुमारी ने तीनताल, खुशी कुमारी गुप्ता ने ताल पंचम सवारी व कुमारी रूपा ने धमार ताल के संगम को कथक में दिखाया। तीनों नृत्यांगना ने पारंपरिक कथक व द्रौपदी चीर हरण कथानक को प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम से गुरु बक्शी विकास ने कार्यशाला में छात्र छात्राओं को कथक में अंग व पद संचालन की बारीकियों के साथ कई नवीन बंदिशों के गुर को सिखाया। मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन नृत्य घराना संस्था की निदेशिका श्रेया लक्ष्मी ने किया।
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